Wednesday 22 April 2020

अरेंज-मैरिज और लव-मैरिज में से कौन सी शादी बेहतर है ?

शादी-विवाह एक पवित्र रिश्ता है जो दो अधूरे लोगो को और उनके जीवन को पूर्ण करता है जो सिर्फ दो दिल का मिलन ही नहीं करवाता बल्कि दो अलग परिवारों को भी नजदीक लाता है। भारतीय संस्कृति अनुसार शादी का बंधन सिर्फ इस जन्म के लिए ही नहीं बल्कि सात जन्मो का रिश्ता है। शादी लाइफ का एक अहम फैसला होता है। जो दो लोगो को बांधकर रखता है। जवाब हर व्यक्ति के पास अलग-अलग हो सकता है।




शादी-विवाह अपनी सहमती से हो या घरवालों की सहमती से एक ऐसा विषय है जिसकी चर्चा कभी भी ख़त्म नहीं हो सकती। शादी-विवाह जीवनभर के रिश्ते को लेकर ज्यादातर लोगों में इस बात को लेकर कंफ्यूजन होता है कि दोनों में दोनों में क्या बेहतर है शादी-विवाह अरेंज मैरिज करनी चाहिए या लव मैरिज। दोनों तरीकों से उनकी योग्यताएं है



लव मैरिज में जो दो लोग मिलकर तय करते हैं।

अरेंज मैरिज में दो लोगो का नहीं बल्कि दो परिवारो का मेल होता है।



लव मैरिज में दो लोग एक-दूसरे को मिले होते हैं और एक-दूसरे को जानते हैं, लव मैरिज ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद ही इंसान को जिंदगी जीने की नई राह मिलती है। उन्हें जिंदगी जीने के नए नियम सीखने को मिलते हैं। वैसे अब जमाना बदल गया है। पहले जहां लड़का और लड़की परिवार की मर्जी से शादी करते थे अब वह अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं।

अरेंज मैरिज में दो लोग दोनों ही एक-दूसरे के लिए अनजान होते हैं।



लव मैरिज कई लोग यह निजी अनुभव है कि ज्यादा दिनों तक नहीं निभायी जा सकती या उसमे हमेशा धोखा ही मिलता है। 

भारत में ज्यादातर अरेंज मैरिज ही होते हैं। वहीं, परिवार में माता-पिता का मानना होता है कि अरेंज मैरिज ज्यादा सक्सेसफुल होते हैं।



लव मैरिज
युवा पीढ़ी का रुझान के कारण आजकल लव मैरिज का चलन बहुत फैशन में है क्योंकि वह अपना जीवन साथी अपने मुताबिक चुनना चाहते है। वह जैसा भी अपने लाइफ पार्टनर के बारें में सोचते है चाहते है उसी तरीके से उसका चुनाव् भी करना चाहते है।

लव मैरिज अर्थात दो लोग अपनी पसंद से अपने जीवन साथी को चुनकर अपनी पूरी जिंदगी का फैसला अपने आने वाला भविष्य अपने हिसाब से तय करते है।खास बात यह होती है कि वर-वधु में आपसी समझ मिलती है। लव मैरिज में लड़का-लड़की एक-दूसरे को पहले से जानते हैं और एक-दूसरे को पसंद करते हैं 

परन्तु कई बार ऐसा भी होता है कि जब परिवार वाले इस शादी से खुश नही होते। लड़की को नए परिवेश में और अजनबी परिवार के साथ रहने और उनके रीती रिवाज रहन सहन समझने में मुश्किलें आती हैं। इसलिए वर-वधु दोनों के परिवार वालों के बीच मेलजोल, आना जाना कम ही होता है। पहली नजर का प्यार हो या सालो पुराना रिश्ता पति और पत्नी में आपसी समझ पहले से ही बनी हुई होती है। युगल एक दूसरे की पसंद नापसंद पहले से ही पता होती है । एक दूसरे के स्वभाव से पहले से ही अवगत होते है बिना किसी संदेह पूरे जीवन को एक-दूसरे के साथ बिताने का फैसला करते हैं। इसलिए वे अच्छी तरह से मिल जुल कर रह सकते है। सामाजिक तौर पर दहेज जैसे रिवाज़ को खत्म कर सकते है क्योंकि उनके पास अपने सभी निर्णय लेने की आजादी है। असाधारण खर्च से बचा जा सकता है। जिससे उनका दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है।



अरेंज मैरिज
अरेंज मैरेज यानी भारतीय संस्कृति से किया गया विवाह इसमें आपके जीवन भर की बागडोर आपके परिवार के हाथ में सौंप दी जाती है अरेंज मैरज में वर-वधु के परिवार व रिश्तेदार एक दूसरे के लिए खुद जीवनसाथी का खोजते हैं। वह अपनी हैसियत समाज, रीतिरिवाज और स्वभाव के अनुसार ही आपका रिश्ता तय किया जाता है दो परिवार आपस में मिलकर सारे फैसले लेते हैं आपकी शादी महज दो-दिलों का मिलन ना होकर दोनों परिवारों के लिए जश्न का माहौल बन जाती है। ऐसी शादियों में ज्यादातर लड़का-लड़की एक-दूसरे से अनजान होते हैं। शादी-विवाह के बाद ही उनमें प्यार होता है और फिर जिंदगी भर के लिए वह एक.दूसरे के साथ खुशी-खुशी जिंदगी बिताते हैं। ऐसी शादी में लड़का और लड़की दोनों के परिवार वालों के बीच का रिश्ता भी बहुत मजबूत हो जाता है। इसीलिए अरेंज मैरिज को लव मैरिज के मुकाबले ज्यादा सफल माना जाता है। माता-पिता द्वारा तय शादी का रूप थोड़ा अनोखा होता है।

ज्यादातर माता-पिता खुद लव-मैरिज की हो लेकिन वे अपनी बच्चो का विवाह अपनी इच्छा से ही करना पसंद करते हैं। आज जहां युवाओं को लव मैरिज पसंद है, वहीं माता-पिता अरेंज मैरिज में ही विश्वास रखते हैं।


पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाने में यह अहम् योगदान रखती है। इसमें जहा लड़की वाले अपनी कन्या के लिए योग्य वर तलाशते है दूसरी तरफ लड़के वाले अपने लिए एक सुशील और संस्कारी वधू की तलाश करते हैं। दोनों के रीतिरिवाज लगभग एक होने के कारन पूरे रीति-रिवाजों के साथ वर-वधु को परिणय सूत्र को बांधा जाता है। 1 या 2 साल से एक दूसरे को समझने में ही निकल जाता है फिर भी अरेंज मैरिज को ही लोग सही मानते हैं



लवमैरीज तब ही सफल हो पाती है । जब आपके पास रुपए हो।अन्यथा लवमैरिज जीवन को बर्बाद कर देती है। लवमैरिज में आप ही अकेले होते है। कोई भी आपके साथ नहीं होता है ।

अगर बात अरेंज-मैरीज की करें तो इसमें आप अकेले ही नहीं होते हो, इसमें आपके साथ आपका परिवार भी होता है।जो आपकी हर स्थिति में आपके साथ देता है।



लव मैरिज के नुकसान
• लव मैरिज में वर-वधु को पारिवारिक सहायता नहीं मिल पाती जब तक पारिवा नहीं बन जाती
• वर-वधु को एक दूसरे के अनुसार सहमति बनानी पड़ती है क्योंकि एक समाज से दूसरे समाज के रीती-रिवाज, खाना पीना, रहन सहन, भाषा काफी हद तक एक दूसरे से अलग होते है।
• वर-वधु में झगड़ा होने पर परिवार वाले समझने नहीं आते
• वर-वधु के परिवार वाले आर्थिक मद्दद भी नहीं करते न ही रिश्तेदार
• दोनों अपनी पसंद के लिए ज़िम्मेदार है और भविष्य में कुछ भी हो तो दोष केवल दोनों का हैं। कई किस्से में उनके परिवार के लोग के कहते है कि “ हमने तो पहले ही मना किया था, अब भुगतो”
• वर-वधु जीवन नए सिरे से ही शुरू करना पङता है




अरेंज मैरिज नुकसान
• दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों को बल मिलता है
• वर वधू को गुणों से नहीं बल्कि पारिवारिक हैसियत से शादियां होती है ।
• आपसी समझ बनाने में काफी समय लग जाता है।
• पारिवारिक दबाव के कारण घरेलु हिंसा पनपती है ।


शादी लव हो या अरेंज तभी सफल होती है जब
  • शादी सिर्फ दो इंसानों के बीच नहीं, बल्कि दो परिवारों के बीच होती है।
  • दो लोग, एक दूसरे से प्यार के साथ, एक दूसरे की इज्जत भी करते हो
  • शादी दो लोगों के बीच एक सामाजिक या धार्मिक मान्यता प्राप्त मिलन है मित्रता ही रिश्ते की पहली सीढ़ी होती है, जहां दोस्ती हैं वहीं पर चीजें सफल होती हैं।
  • रिश्ते को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे को जानना, पहचानना  और समझना जरूरी चाहिए ।
  • आप जितना आपस में बात करेंगे, उतने बेहतर तरीके से एक-दूसरे को समझ पाएंगे।
  • एक-दूसरे की आदतों, पसंद, नापंसद और शौक के बारे में जानना भी जरूरी होता है
  • लोगों का समझदार होना और सोच का अच्छा होना बहुत जरूरी होता है । 



हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ऐसा नहीं कहा जा सकता है अरेंज मैरिज और लव मैरिज में से कौन सी शादी बेहतर है। 


दोनों तरीकों से उनकी योग्यताएं है वह युगल है जिसे जीवन भर के लिए एक साथ रहना है। इसलिए, जीवन साथी चुनने का निर्णय व्यक्तियों को खुद पर छोड़ दिया जाना चाहिए। जीवनभी अनिश्चितताओं से भरा हुआ हैं। आखिरकार कोई भी एक पूर्ण शादी के जीवन के लिए सबसे अच्छा तरीका प्रमाणित नहीं कर सकता




ऊपर दी गई जानकारी सामान्य है आप अपने व्यक्तिगत जीवन के फैसले अपने विवेक अनुसार ले

हर कोई चाहता है कि उसकी शादी उसके पसंद के जीवनसाथी से हो और इसी चाहत के साथ अक्सर लोगों के मन लव-मैरिज के सपने बुनते हैं पर ये भी शंका बनी रहती है कि पता नही लव-मैरिज होगी या अरेंज-मैरिज ।

आपको ज्योतिष में विश्वाश है और भी विस्तृत जानकारी चाहते है तो अपना जन्म का दिन , जन्म का समय , जन्म का स्थान , मोबाइल नंबर और क्या जानना/पूछना चाहते हो ? निम्नलिखित ज्योतिषाचार्या जी को भेज कर जान सकते है जिनका अनुभव ज्योतिष कार्यों में 20 वर्षो से ज्यादा है जैसे

कब होगी आपकी शादी ?
प्रेम विवाह होगा या अरेंज मैरिज?
जीवन साथी का काम क्या होगा व्यापार या नौकरी?
और कैसा होगा जीवन साथी ?



ज्योतिषाचार्या एम्. के. नौटियाल ,
वर-वधू कुंडली विशेषज्ञ,
वर-वधु.कॉम TEAM var-vadhu.com






पंडित सुंदरमणी, शास्त्री
कुंडली विशेषज्ञ, वर-वधु.कॉम




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